ठोकरें खाओगे, पर शान से चलो..
खुले आसमान के नीचे सीना तान के चलो...
मुश्किलें तो साज़ हैं, आती हैं और आती रहेगी ..
उठोगे, गिरोगे, गिरोगे उठोगे.. हर परिस्थिति में उठो...
और आख़िर मे, मै ही जीतूँगा..
ये ठान के उठो, ये मान के उठो



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