ब्राह्मणाः सन्तु निर्भयाः
जरा सोचिये ब्राह्मण केवल धार्मिक कर्म कांड ही करवाता है जबकि ब्राह्मण के अतिरिक्त अधिकांश अन्य जातियों के लोग बाबा बनकर हिन्दू धर्म की जड़ो को खोखला कर रहे है ।दिन प्रति दिन संत के रूप में ऐसे लोगो के कारण के देश में हिन्दू धर्म को क्षति पहुच रही है ।मैं कुछ धार्मिक संगठनों के संस्थापको /वर्तमान गद्दी के मालिक के नाम दे रहा हूँ जो ब्राह्मण नही है फिर भी बाबा बनकर धर्म को चोट पहुँचा रहे है।बदनाम ब्राह्मण है।
1-डेरा सच्चा सौदा
इसके गद्दी धारक सन्त गुरमीत राम रहीम इंशा जो कि सिद्दू मूल के पंजाबी जाट जाति से है।
2-संत रामपाल
संत रामपाल एक धूर्त किस्म का व्यक्ति है जिस कबीर ने अवतार वाद का खंडन किया उसी कबीर का अवतार ये खुद को बता रहा है ।ये भी जाट जाति से है।
3-आशाराम
इनका पूरा नाम आसुमल सिरुमलानी है ये पाकिस्तान के सिंध प्रांत के शरणार्थी है ।ये भी सिंधी जाति से है ।
4-ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय
इसके संस्थापक सिंधी लेखराज कृपलानी थे ।ये संस्था भी विवादों के घेरे में रही ।
5-थर्ड आई ऑफ़ निर्मल बाबा
इस संस्था के संस्थापक निर्मलजीत सिंह नरूला है ।जो पंजाबी यानि सिख जाति से आते है ।महान ठग जिस पर 4 शहरों में मुकदमे लिखे गए है।
6-राधे मां
सुखविंदर कौर जो खुद को देवी का अवतार घोषित किये है ।सिख सम्प्रदाय से है।इन मोहतरमा पर कई मुकदमे विभिन्न स्थानों पर चल रहे ।
मित्रो 6उदाहरण आपको दिए जिसमे एक भी ब्राह्मण जाति का व्यक्ति नही है जिसने पूरे धर्म को ख़राब किया हो ।ब्राह्मण धार्मिक आस्थावान जाति है जो सत्य को ही बताती है ।
-आज़ाद
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