काम धंधा वही ठीक जिसमें मानसिक शांति मिले । घर परिवार बाल बच्चे सब को समय मिले ,, जबकि कई लोगों को देखा है पैसे के पीछे भागते भागते जब थक जाते हैं तो पता चलता है जिंदगी के अंतिम पहर में वो अकेले रह जाते हैं ,, कोई शुभचिंतक नहीं रहता , कोई उसका दोस्त नहीं रहता ,, इसलिए पैसे कमाइए लेकिन जिंदगी की दोड़ में अकेले मत छूटिए ।।
-आज़ाद
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