मासूम हिन्दू 


मैं स्वच्छ हूं, निर्मल हूं, अविरल हूं, ईमानदार हूं!
मैं चुप हूं, शांत हूं, शालीन हूं, दयावान हूं!
क्योंकि मैं हिन्दू हूं?
मैं नियमों का पालन करता हूं, दो बच्चों की नीति पर चलता हूं!
फिर अल्पसंख्यक होकर खुद ही अपना सफाया करता हूं!
क्योंकि मैं हिन्दू हूं?
मैं आतंकवाद पर नहीं बोल सकता, गोहत्या नहीं रोक सकता!
अपने हक की बात करूं, तो असहिण्षुणता फैलाता हूं!
क्योंकि मैं हिन्दू हूं?
मेरे इतिहास से छेड़खानी होती है, मैं एम थप्पड़ जड़ता हूं तो आतंकी हो जाता हूं!
गोहत्या रोकता हूं तो सांप्रदायिक दंगे भड़काता हूं!
क्योंकि मैं हिन्दू हूं?
अपना बच्चा सैनिक बना कश्मीर भेजता हूं, तूम कुछ गद्दार, पत्थरबाज़, उसको परेशान करते हो!
अपशब्द बोलते उसको, जीवन उसका लहूलुहान करते हो!
क्योंकि मैं हिन्दू हूं?
मैं कानूऩ का पालन करता हूं, हर क्षेत्र मे कर अदा करता हूं!
सरकारी खज़ाना भरता हूं, फिर भी सुविधाओं के लिय तरसता हूं!
क्योंकि मैं हिन्दू हूं?
शोषण हो किसी और का, हर बुद्धिजीवी उसके खिलाफ है बोलता!
मेरा चाहे कत्ल हो जाए, कोई नहीं बोलता किसी का खून नहीं खौलता!
क्योंकि मैं हिन्दू हूं?
मैं बंगलादेश से गायब हो चुका हूं, मैं पाकिस्तान से गायब हो चुका हूं!
मैं कश्मीर से निष्कासित हो चुका हूं, कैराना से गायब हो रहा हूं!
क्योंकि मैं हिन्दू हूं?
मैं स्वच्छ हूं, निर्मल हूं, अविरल हूं, ईमानदार हूं!
मैं चुप हूं, शांत हूं, शालीन हूं, दयावान हूं!
अंत में मैं हिन्दू हूं...जय विठटल

                                                                         -  आज़ाद 
http://www.aazaad.in/


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