December 19, 2022 नीर क्षीर विवेके हंस आलस्यम् त्वमेव तनुषे चेत्, विश्वस्मिन् अधुना अन्य: कुलव्रतं पालयिष्यति कः ।। हंस यदि पानी तथा दूध भिन्न करना छोड़ दे, तो दूसरा कौन उसके इस कुलव्रत का पालन कर सकता है? यदि बुद्धिवान् तथा कुशल मनुष्य ही अपना कर्तव्य करना छोड़ दे, तो दूसरा कौन वह कार्य कर सकता है?
December 19, 2022 . *श्री सुर्याय नमः* *ॐबृंहितं तेज:पु़ञ्जं च वायुमाकाशमेव च।* *प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ।।* जो बढ़े हुए तेज के पुंज हैं और वायु तथा आकाशस्वरुप हैं, उन समस्त लोकों के अधिपति सूर्य को मैं प्रणाम करता हूँ।
Click here for Best Water Resistant Watches
ReplyDelete